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Section 482 CrPc in Hindi - सीआरपीसी धारा - 482 - Quashing FIR by High Court


● अगर किसी ने आपके खिलाफ लिखवा दी है झूठी #FIR तो क्या है बचने का रास्ता?

● अक्सर कुछ लोग साजिश के तहत और गलत भावना रखते हुए बेगुनाह लोगों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखा देते हैं. इस पर #पुलिस कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट में इंगित किए शख्स को गिरफ्तार भी कर लेती है. ऐसे मामलों में कैसे बचा सकता है?

◆ हमारे #समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं जो #कानून का दुरुपयोग करना बहुत अच्छी तरह जानते हैं. अक्सर हम ये खबरें पढ़ते या सुनते हैं कि किस तरह लोगों को झूठी रिपोर्ट लिखाकर उन्हें फंसाने और परेशान करने का काम किया जाता है. ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है. अगर ऐसा हो जाए तो क्या कोई कानूनी रास्ता है, जिससे अपना बचाव किया जा सके.

◆ हम आपको यहां यही बताएंगे कि अगर कोई आपके खिलाफ झूठी FIR लिखवा देता है तो आपके पास इससे बचने के लिए क्या रास्ता है.

◆ सी.आर.पी.सी. की धारा 482 में इस तरह के मामलों को चैलेंज करने का प्रावधान किया गया है. यदि किसी ने आपके खिलाफ झूठी FIR दर्ज करवा दी है तो इस धारा का इस्तेमाल किया जा सकता है.

◆ सी.आर.पी.सी. की धारा 482 के तहत जिस व्यक्ति के खिलाफ झूठी FIR दर्ज कराई गई है उसे हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है. तब आप कोर्ट के जरिए इस मामले में आपके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होगी. पुलिस को अपनी कार्रवाई रोकनी होगी.

● क्या है सी.आर.पी.सी. की धारा 482?
 https://CrPc.ozg.in/p/482.html

◆ इस धारा के तहत वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र लगाया जा सकता है. इस प्रार्थना पत्र के जरिए आप अपनी बेगुनाही के सबूत दे सकते हैं. आप वकील के माध्यम से #एविडेंस तैयार कर सकते हैं. अगर आपके पक्ष में कोई गवाह है तो उसका जिक्र जरूर करें.

◆ जब ये मामला कोर्ट के सामने आता है और उसे लगता है कि आपने जो सबूत दिए हैं वो आपके पक्ष को मजबूत बनाते हैं तो #पुलिस को तुरंत कार्रवाई रोकनी होगी. जिससे आपको झूठी रिपोर्ट लिखाने के मामले में राहत मिल जाएगी.

● गिरफ्तार नहीं करेगी पुलिस!

◆ यदि किसी भी मामले में आपको षडयंत्र करके फंसाया जाता है तो #हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है. हाईकोर्ट में केस चलने के दौरान पुलिस आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकती.

◆ इतना ही नहीं अगर आपके खिलाफ #वारंट भी जारी होता है तो आप खुद को #गिरफ्तार होने से बचा सकते हैं. इस मामले में आपकी #गिरफ्तारी भी नहीं होगी.

◆ इस स्थिति में भी आपको #वकील के जरिए हाईकोर्ट की शरण में जाना होगा. अगर हाई कोर्ट आपके प्रार्थना पत्र पर गौर करती है तो केस चलने के दौरान आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. कोर्ट जांच अधिकारी को जांच के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दे सकती है.

Ozg Lawyers
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